जिंदगी को हर मोड़ पर तोला मैंने…….शायरी
जिंदगी को हर मोड़ पर तोला मैंने
उड़ते परिंदो से उस पल बोला मैंने
की अब तुम इतनी अज़ीज़ हो गई हो
बस एक झूठ अपनी मोहब्बत से बोला मैंने
मेरे ख्वाबो के समंदर ने मुझे सोने न दिया
जिस पल उनकी गलियों के चक्कर लगाना छोड़ा मैंने
और अब छोड़ दिया उन्होने मेरी कब्र पर अश्क बहाना
जिनके दिल के दरवाज़ो को तोड़ मैंने।