हम आपसे सात जन्मो तक ऐसी ही वफ़ा निभायेगे..

आप मेरे साजन हो ये बार – बार उपहार दे कर बताने की जरूरत नही है।

मेरे अनमोल जीवन के साथी हो आप ये आपको उपहार दे कर समझाने की ज़रूरत नही है।

इस प्यार की अनोखी कहानी मे ये सब रस्में निभाने की ज़रूरत नही है।

आप तो मेरी लिए वो खिलौना हो।

जिसके साथ  मैं हर पल खेलना चाहती हूं।

प्यार की प्यारी मस्ती करना चाहती हूं।

आपकी सब बातों का क्या जवाब दूं ये सोचना चाहती हूं।

आप मेरी हर खुशी बनो ये बताना चाहती हूं।

जिंदगी को हर मोड़ पर तोला मैंने…….शायरी

जिंदगी को हर मोड़ पर तोला मैंने

उड़ते परिंदो से उस पल बोला मैंने

की अब तुम इतनी अज़ीज़ हो गई हो

बस एक झूठ अपनी मोहब्बत से बोला मैंने

मेरे ख्वाबो के समंदर ने मुझे सोने न दिया

जिस पल उनकी गलियों के चक्कर लगाना छोड़ा मैंने

और अब छोड़ दिया उन्होने मेरी कब्र पर अश्क बहाना

जिनके दिल के दरवाज़ो को तोड़ मैंने।

नौकरी में कितना कमा लेते हो……. शायरी

नौकरी मेँ इतना कमा लेता हूँ कि

काम में जान लगा देता हूँ

और शाम में जाम लगा लेता हूँ।

चिरागो को जला लेता हूँ

मशालों को बुझा देता हूँ।

जवानी को मिटा देता हूँ

बुढ़ापे को सजा लेता हूँ।

दिल के अरमान सुला देता हूँ

ख्वाहिशों को भुला देता हूँ

तमन्ना को गुमा देता हूँ

आरज़ू को छिपा लेता हूँ

जुगनू को उड़ा देता हूँ

लकीरों को मिटा लेता हूँ

और नौकरी में बस इतना जरूर कमा लेता हूँ कि

थोड़ी भूख मिटा लेता हूँ

थोड़ी प्यास बुझा लेता हूँ।

उम्रभर तम्मनाओ को अपनी में तलाशता रहा

उम्रभर तम्मनाओ को अपनी में तलाशता रहा

अंधेरी गलियों में भटकते मुसाफिर सा में भागता रहा।

ख्वाहिशे इतनी पुलिंदा हो गयी थी मेरी

उसकी चाहत में जिम्मेदारियो से हमेशा भागता रहा।

अश्क कैसे छिपाऊं इस अहले महफिल से मेँ

गमो के सायो को खुद से अकेले में बाटता रहा।

और हसरते इतनी बढ़ चुकी थी मेरी

कुछ कर दिखाने की चाह मेँ सारी उम्र जागता रहा।